मर्द की बात: चुप्पियों के पीछे की आवाज़
— एक विमर्श जो पुरुषों की संवेदनाओं, संघर्षों और सामाजिक दबावों को उजागर करता है
✍️ भूमिका
हम एक ऐसे समय में हैं जहाँ विमर्शों की बाढ़ है—स्त्री विमर्श, दलित विमर्श, पर्यावरण विमर्श। पर एक विमर्श जो अदृश्य रहा है, वह है पुरुष विमर्श। यह पुस्तक उसी चुप्पी की आवाज़ है — संतुलन, समझ और संवेदनशीलता की मांग।
📚 विषय सूची — Table of Contents
(नीचे दिए सभी अध्याय पहले से मौजूद रहेंगे; जो अध्याय पोस्ट करोगे वह स्वचालित रूप से लिंक बन जाएगा)
- भूमिका – जब मर्द बोलेगा, तब समाज सुनेगा
- अध्याय 1: पुरुष विमर्श — जब मर्द बोलेगा, तब समाज सुनेगा
- अध्याय 2: भावनाओं की भाषा — चुप्पियों के पीछे की चीख़
- अध्याय 3: मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या — आँसुओं की अनकही कहानी
- अध्याय 4: कानून और पुरुष — सुरक्षा या शोषण?
- अध्याय 5: हाल की घटनाएं — आँकड़े, केस स्टडी और समाज की प्रतिक्रिया
- अध्याय 6: पिता की भूमिका — भावनात्मक दूरी और जिम्मेदारी
- अध्याय 7: पुरुषों की दोस्ती — सतही संवाद और अकेलापन
- अध्याय 8: साहित्य में पुरुष विमर्श — मुक्तिबोध, धूमिल और समकालीन स्वर
- अध्याय 9: समाधान की राह — लिंग-निरपेक्ष न्याय और सामाजिक जागरूकता
- अध्याय 10: 'मर्द की बात' श्रृंखला — Himansh World की यात्रा और अनुभव
- अध्याय 11: उपसंहार — समावेशी समाज की ओर एक कदम
- अध्याय 12: समर्पण पृष्ठ — उन आवाज़ों के नाम
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Himansh 🌼 (Shivam Yadav)
लेखक, मंच — Himansh World | संपर्क: eduserene@gmail.com
© Himansh 🌼 | EduSerene — पुस्तक: मर्द की बात