अध्याय 12: समर्पण पृष्ठ — उन आवाज़ों के नाम

📖 Dedication Page

(पुस्तक के अंतिम पृष्ठ पर प्रकाशित किया जाएगा)

इस पुस्तक को समर्पित करता हूँ—
उन सभी पुरुषों को,
जो चुप रहे जब उन्हें बोलना चाहिए था,
जो टूटे पर किसी ने देखा नहीं,
जो रोए पर आँसू बहने नहीं दिए।

यह किताब उनके लिए है— जो "मर्द" कहलाने की कीमत चुकाते रहे, पर कभी अपनी कहानी कह नहीं पाए।

और विशेष रूप से CMP Degree College, Prayagraj को, जहाँ आकर मुझे न केवल साहित्य की गहराई मिली, बल्कि समाज को देखने की एक नई दृष्टि भी।

इस विमर्श पर सोचने की प्रेरणा मुझे मिली प्रो. रामाशंकर सिंह सर से— जिनकी संवेदनशीलता, विचारशीलता और मार्गदर्शन ने मुझे चुप्पियों को सुनना सिखाया।

साथ ही, उन दोस्तों को जिनका साथ हर खामोशी में आवाज़ बना, हर टूटन में सहारा बना, और हर पंक्ति में प्रेरणा।


— Shivam Yadav
(Himansh 🌼)

“Himansh World · EduSerene”

और नया पुराने